Successful Business Idea

Successful Business Idea: लॉकडाउन के बाद शुरू किया डेयरी बिजनेस, आज कमा रहे हैं लाखों

आजकल नौकरी की तलाश में बहुत से युवा असमंजस में रहते हैं खासकर तब जब उनकी नौकरी किसी कारणवश छूट जाती है। ऐसे में उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प यह होता है कि वे अपना खुद का बिजनेस शुरू करें।

इसके माध्यम से वे न सिर्फ नौकरी के संकट से बच सकते हैं बल्कि अच्छा खासा मुनाफा भी कमा सकते हैं। एक ऐसे ही युवा की कहानी हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं जिसने लॉकडाउन के बाद बिजनेस शुरू किया और आज वह हर महीने लाखों रुपए कमा रहा है, साथ ही बहुत से लोगों को रोजगार भी दे रहा है।

अनंत जैन की प्रेरक कहानी

हम बात कर रहे हैं अनंत जैन की जो पेशे से एक इंजीनियर थे। उनकी उम्र अभी केवल 29 साल है, और वे इंदौर में एक जॉब कर रहे थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान उनकी नौकरी चली गई। इसके बाद, उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू करने का सोचा। अनंत ने अपने गांव खरगोन मध्य प्रदेश में वापस जाकर डेयरी का काम शुरू किया।

लॉकडाउन के दौरान बिजनेस का आइडिया

लॉकडाउन के दौरान अनंत ने देखा कि शहर में दूध और अन्य जरूरी सामान की कमी हो रही थी, और लोग मिलावट वाला दूध ऊंचे दामों पर बेच रहे थे।

यह देखकर उन्हें दुख हुआ और उन्होंने सोचा कि क्यों न वे खुद इस समस्या का समाधान करें। इसके बाद, उन्होंने अपने घर पर 2 से 3 भैंसें लेकर डेयरी बिजनेस शुरू किया।

उन्होंने दूध को ताजे और मिलावट रहित तरीके से बेचने का लक्ष्य रखा। इसके बाद वे लोगों के घर घर जाकर दूध पहुंचाते थे और धीरे-धीरे यह काम बढ़ने लगा।

लोन लेकर बिजनेस को बढ़ाया

अनंत के मन में बिजनेस को बढ़ाने का ख्याल आया, इसके लिए उन्होंने नाबार्ड से 5 लाख का लोन लिया। इस लोन के साथ-साथ उन्हें कुछ अनुदान भी मिल गया, जिससे उन्होंने अपने डेयरी बिजनेस को और विस्तार दिया।

इसके बाद उन्होंने 19 लाख का लोन लिया, जिसमें उन्हें 7 लाख का अनुदान मिला। इस लोन से उन्होंने अपने व्यवसाय को और बढ़ाया और अपने इलाके में एक अच्छी पहचान बनाई।

आज 30 भैंसें और 45 गायें

वर्तमान में अनंत के पास 30 भैंसें और 45 गायें हैं, जिनसे वह हर दिन 700 लीटर दूध बेचते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने 7 लोगों को रोजगार दिया है जो अब उनके डेयरी बिजनेस में मदद करते हैं। अनंत का हमेशा यह लक्ष्य रहा है कि वे अपने ग्राहकों को ताजे और मिलावट रहित दूध दें।

40 बीघे में घास की खेती

अनंत ने यह भी महसूस किया कि अगर उन्हें अपनी गायों और भैंसों को अच्छा चारा देना है तो इसके लिए उन्हें चारे का स्थिर और सस्ता स्रोत चाहिए।

इसलिए उन्होंने 40 बीघे ज़मीन पर घास की खेती शुरू कर दी। इससे उन्हें चारा बाहर से खरीदने की जरूरत कम हो गई और उनकी बचत भी बढ़ी।

निष्कर्ष

अनंत जैन की यह प्रेरक कहानी यह दिखाती है कि किसी भी संकट से घबराने की बजाय उसे अवसर में बदलने का नाम ही सफलता है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान नौकरी खोने के बाद डेयरी बिजनेस शुरू किया और अब वह न सिर्फ अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top