Business Idea: संतोष देवी का सेब की खेती का सफल उदाहरण

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कहते हैं कि अगर इंसान के अंदर कुछ करने का जुनून हो तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जो न केवल समाज से हटकर कुछ कर रही है बल्कि अब वह हर महीने लाखों रुपये की कमाई भी कर रही है।

यह कहानी राजस्थान के सीकर जिले की रहने वाली संतोष देवी की है जिन्होंने सेब की खेती से एक नया मुकाम हासिल किया है।

संतोष देवी की कहानी

संतोष देवी का सपना हमेशा कुछ अलग करने का था। वह आज भी सीकर जिले के बेरी गांव में रहती हैं और यहां उन्होंने सेब की खेती शुरू की है।

खास बात यह है कि सेब तो आमतौर पर ठंडे क्षेत्रों में उगते हैं लेकिन संतोष देवी ने राजस्थान के गर्मी वाले इलाके में एक खास किस्म के सेब की खेती की शुरुआत की। वह ‘HRMNN 99’ नामक सेब की किस्म उगाती हैं, जो गर्म जलवायु में भी अच्छी पैदावार देती है।

कृषि में सफलता की ओर

संतोष का खेती के प्रति जुनून और उनके अनोखे तरीके से उन्हें शानदार परिणाम मिले। उनका सेब का बाग अब बड़ा हो चुका है और प्रत्येक पेड़ से लगभग 80 किलो सेब प्राप्त होते हैं जो बाजार में 100-120 रुपये प्रति किलो की दर से बिकते हैं। इसके अलावा, संतोष अन्य फलों की भी खेती करती हैं, जैसे कि अनार, चीकू और संतरा, जो उनकी कमाई में इजाफा करते हैं।

नर्सरी और जैविक खेती

संतोष का एक नर्सरी भी है जहां वह पौधे उगाती हैं और उन्हें बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करती हैं। उनकी नर्सरी से हर साल लगभग 25 लाख रुपये की कमाई होती है। साथ ही, उनका लक्ष्य जैविक खेती को बढ़ावा देना है। उन्होंने 2015 में जैविक खेती की शुरुआत की थी और आज भी वह पूरी तरह से जैविक तरीकों से ही खेती करती हैं।

आखिरकार, संतोष की कमाई

आज संतोष देवी की सालाना कमाई 40 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है। उनकी खेती और नर्सरी दोनों से उन्हें अच्छा लाभ हो रहा है, और खरीदार खुद उनके बाग में आकर फलों की खरीदारी करते हैं। यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि यदि सही दिशा में मेहनत की जाए, तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

सारांश

संतोष देवी की कहानी यह साबित करती है कि सही सोच मेहनत और जुनून के साथ कोई भी व्यक्ति नया बिजनेस शुरू कर सकता है और उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। जैविक खेती और सेब की खेती जैसे नए क्षेत्रों में काम करके वह न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।

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